चेवाड़ा से संजीव कुमार की खबर
राज्य सरकार द्वारा प्रथमिक विद्यालय और मध्य विद्यालय में पढाई कर रहे बच्चे को भुखे पेट नही रहना पडे। इसके लिए हर विद्यालय में मध्यान भोजन की व्यवस्था की गई है जिसमें दोपहर का खाना बच्चों को स्कूल में दिया जाता है सरकार द्वारा बच्चों को दिए जाने वाले भोजन में स्वच्छता और शुद्धता बनाए रखने के लिए सख्त निर्देश दिया गया है इसके साथ ही भोजन में किसी तरह का कोई गड़बड़ी न हो गुणवत्तापूर्ण भोजन देने का निर्देश दिया गया लेकिन किसी भी विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण भोजन तो नहीं दिया जाता है इसके साथ ही बच्चों को गंदगी के बीच खाना खिलाया जाता है जिससे बच्चे मैं संक्रमण की बीमारियां फैलने की आशंका बनी हुई है देश में संक्रमण से बढ़ रहे कोरोनावायरस को देखते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा साफ सफाई और स्वच्छता का पालन करने के लिए लोगों को जागरूक करने हेतु करोड़ों रुपए खर्च कर रही है लेकिन इसका प्रभाव प्राथमिक विद्यालय में नहीं देखने को मिल रहा है स्थिति यह है कि इस विद्यालय के बच्चे को गली के बहते नालियों और गंदगी के बीच भोजन करना पड़ता है यह स्थिति चेवाड़ा नगर पंचायत दक्षिण टोला प्राथमिक विद्यालय का है। जहां विद्यालय परिसर में जगह रहने के बावजूद छोटे-छोटे बच्चों को गली में बहती नालियों के बीच भोजन कराया जा रहा है जिससे नालियों से से निकल रही बदबू के कारण बच्चों के शरीर में भोजन के साथ संक्रमण फैलाने वाले कीटाणु प्रवेश कर रहे हैं जिससे बच्चों में संक्रमित बीमारी फैलने का आशंका बनी हुई है इस संबंध में खाना खिला रहे रसोईया ने बताया कि स्कूल के बरामदा में खिलाया जाता था लेकिन एचएम के द्वारा ताला लगा कर चले जाने के कारण बच्चे को रास्ते में खिलाया जा रहा है एचएम श्यामलता कुमारी ने बताया कि बच्चे को स्कूल के अंदर ही खिलाया जाता है टिफिन होने के दौरान बच्चे अफरा-तफरी कर जमीन पर और गली में बैठ गए हैं उन्हें अंदर ही खिलाया जाएगा और मेन्यू के अनुसार गुणवत्तापूर्ण सरकार के निर्देशानुसार ही बच्चों को भोजन कराया जाता है।